हेल्थ डेस्क. पूर्वोत्तर के अधिकांश हिस्सों के बारे में अब भी बहुत कुछ जानना बाकी है। यहां की स्थानीय भोजन परंपराएं एक-दूसरे से इस कदर भिन्न हैं कि केवल खाने पर ही हजारों शोध किए जा सकते हैं। यहां के खाने में सौंधापन और स्वाद होने के साथ-साथ पौष्टिकता भी है। पूर्वोत्तर में कई डिशेज तो ऐसी होती हैं जिन्हें सालभर तक खाया जा सकता है। इसके लिए यहां के जनजातीय समुदाय के लोग फर्मेंटेशन (खमीर उठाना) विधि का बहुत ही अच्छी तरह से इस्तेमाल करना जानते हैं। फूड हिस्टोरियन लेखक और टीवी होस्ट आशीष चोपड़ा से जानिए पूर्वोत्तर की डिशेज के बारे में…
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Source: Health